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Blood Cancer : क्या एक से दूसरी जनरेशन में फैलता है ब्लड कैंसर? एक्सपर्ट्स से जानें

20 April, 2024, 12:16 PM

Blood Cancer : क्या एक से दूसरी जनरेशन में फैलता है ब्लड कैंसर? एक्सपर्ट्स से जानें

भारत में कैंसर के केस बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. ये बीमारी शरीर के किसी भी अंग में पनप जाती है. जब कैंसर खून में हो जाता है तो इसको ब्लड कैंसर कहते हैं. क्या ब्लड कैंसर एक से दूसरी जनरेशन में भी जाता है? आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं.
कैंसर एक गैर संक्रामक बीमारी है, लेकिन फिर भी भारत में हर साल इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पुरुषों में लंग्स और प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के मामलों में हर साल इजाफा होता जा रहा है. कैंसर के मामले में सबसे ज्यादा खतरनाक बात यह है कि आज भी इस बीमारी से मौत का आंकड़ा कम नहीं हो रहा है. ये बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से में हो जाती है. अगर किसी व्यक्ति के खून में ही कैंसर हो गया है तो इसको ब्लड कैंसर कहा जाता है. यह कैंसर बड़ों से लेकर बच्चों तक को भी शिकार बनाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 20 सालों में दुनियाभर में ब्लड कैंसर के केस 23 फीसदी तक बढ़े हैं. इस बीच यह सवाल भी उठता है कि क्या ये कैंसर एक से दूसरी जनरेशन में भी जाता है? आइए इस बारे में एक्सपर्ट्स से जानते हैं.

ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. पवन कुमार का कहना है कि कई तरह के कैंसर जेनेटिक हो सकते हैं. उदाहरण के तौर पर ब्रेस्ट कैंसर के एक से दूसरी जनरेशन में जाने का रिस्क रहता है. जहां तक बात ब्लड कैंसर की है तो इसके जेनेटिक होने की आशंका नहीं होती है. ब्लड कैंसर तब होता है जब बॉडी में ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है. अगर ये कमी बचपन में ही होती है तो कम उम्र में ही ब्लड कैंसर हो सकता है. ऐसे में यह जरूरी नहीं है कि माता-पिता को ब्लड कैंसर है तो बच्चे को भी हो सकता है. हालांकि ब्लड कैंसर जेनेटिक म्यूटेशन से हो सकता है, लेकिन इसके एक से दूसरे जनरेशन में जाने का रिस्क नहीं होता है.

कैसे करें पहचान
डॉ कुमार कहते हैं कि माता-पिता को अगर ब्लड कैंसर है और वह ये जानना चाहते हैं कि ये कैंसर बच्चे को तो नहीं है तो इसके लिए टेस्ट किया जाता है. इसमें जीनोम सीक्वेंसिंग से. एनजीएस (नेक्स्ट जनरेशन सीक्वेंसिंग) के माध्यम से किसी भी तरह की बीमारी के जेनेटिक की पहचान हो जाती है. हालांकि माता-पिता से बच्चे में ब्लड कैंसर का रिस्क नहीं होता है, लेकिन फिर भी किसी अन्य प्रकार की जेनेटिक डिजीज की समय पर पहचान के लिए ये टेस्ट करा लें.

ब्लड कैंसर के लक्षण

कमजोरी महसूस होना
हमेशा थकावट बने रहना
अचानक से वजन का कम होना

अगर चोट लग गई है तो खून का न थमना

कैसे करें बचाव

खानपान का ध्यान रखें

कोई लक्षण दिखे तो डॉक्टर से सलाह लें

जीनोम टेस्ट करा लें

शराब का सेवन और धूम्रपान से बचें












Source:

https://www.tv9hindi.com/health/is-blood-cancer-can-also-be-genetic-know-from-experts-2559628.html
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